भोपाल। पूर्व
महामहिम एवं भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम के स्वर्गवास पर होलीक्रॉल को-एड
स्कूल लांबाखेड़ा में मंगलवार 28 जुलाई को शोकसभा एवं प्रार्थना सभा की
गई। इस दुःखद क्षण पर स्कूली बच्चों ने पूर्व महामहिम एवं भारत रत्न अब्दुल
कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपने प्रिय मिसाइल मेन को नमन
किया। आयोजन में संस्था के मैनेजर फादर सैजू, प्राचार्या सि.फातिमा डायस,
हैड बॉय, हैड गर्ल एवं समस्त शिक्षकगण एवं विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं
ने श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनके जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला
गया।
Wednesday 29 July 2015
Wednesday 15 July 2015
शिवराज सिंह चौहान ने जांच का आदेश दिया और सीबीआई की पहल की अभिनंदनीय है - नरेंद्र सिंह तोमर
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रदेश में
व्यापम की अनियमितताओं का पता लगते ही जिस तरह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
ने संज्ञान लिया, जांच के निर्देश
दिये उसी का परिणाम है कि एसटीएफ का गठन हुआ। बाद में उच्च न्यायालय की निगरानी
में एसटीएफ ने जांच को आगे बढ़ाया। एसटीएफ के मार्गदर्शन और निगरानी के लिये उच्च
न्यायालय ने एसआईटी का भी गठन कर दिया गया। श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ही उच्च न्यायालय से सीबीआई जांच कराने की
अनुशंसा की जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय से भी राज्य सरकार ने सीबीआई जांच का
आग्रह किया सीबीआई द्वारा जांच आरंभ कर दी गई है। ऐसे में कांग्रेस जिस तरह
संवैधानिक संस्थाओं पर विष्वास करने और जांच निष्कर्ष की प्रतीक्षा करने के बजाय
श्री शिवराज सिंह चौहान की छवि धुमिल करके मध्यप्रदेश को देश में बदनाम कराने का
पाप कर रही है। कांग्रेस को सिवा अपनी विश्वसनीयता गंवाने के कुछ हासिल होने वाला
नहीं है। पत्रकार बंधुओं से चर्चा करते हुए श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संचार
माध्यम से अपेक्षा की कि वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई
सामयिक और समयोचित कार्रवाई के बारे में संज्ञान लेंगे और कांग्रेस द्वारा फेलाये
जा रहे जन भ्रम का निवारण करने में सहयोग देंगे।
श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विधानसभा लोकसभा, नगरीय निकाय से लेकर हर चुनाव में प्रदेष की जनता ने
कांग्रेस को खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान भी मुख्यमंत्री श्री शिवराज
सिंह चौहान की छवि को धूमिल करने के लिए घृणित दुष्प्रचार किया लेकिन प्रदेश की
जनता ने कांग्रेस को खारिज करके माकूल जवाब दिया। अब कांग्रेस तथ्यहीन मिथ्या
प्रचार करके जिस तरह अभियान चला रही है उससे मध्यप्रदेश जैसे विकासशील प्रदेश जहा
विकास दर दहाई में है, कृषि विकास दर देश
दुनिया में सर्वाधिक 24 प्रतिशत बनी हुई
को बदनाम कर रही है। कांग्रेस मध्यप्रदेश और प्रदेश की जनता को बदनाम करने का
अपराध कर रही है। उन्होंने कहा कि श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह न्याय संगत
ढंग से समयोचित कार्रवाई की है, अभिनंदनीय है।
उनकी प्रशंसा की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दौर में अन्य प्रदेशो में भी
परीक्षा और प्रवेश भर्तियों में अनियमिताएं हुई है, लेकिन वहां किसी भी मुख्यमंत्री ने इस तरह क्षीर-नीर-विवेक
करने की दृष्टि से जांच कराने का साहस नहीं दिखाया।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का निधन दुखद है, लेकिन हर मौत को व्यापम से जोड़ कर देखना न्यायोचित नहीं
है। उन्होंने व्यापम अनियमितताओं की जांच के फलस्वरूप की गई कार्यवाही पर विस्तार
से प्रकाश डालते हुए कहा कि सिर्फ 378 व्यक्ति ही जेल में है। कांग्रेस गलत और झूठे आंकड़े परोस कर जनता को भ्रमित
कर रही है। इसी तरह प्रदेश में मौत का शिकार होने वाले हर व्यक्ति को कांग्रेस
व्यापम में आरोपी, अपराधी, गवाह निरूपित करके जनता को गुमराह कर रही है।
कांग्रेस को सही तथ्यों का पता लगाना चाहिए। कांग्रेस के हर प्रश्न का समाधान करने
के लिए उद्यत हैं। उन्होंने कहा कि इस मामलें में पहले परिवहन में भर्ती घोटाला
बताकर कांग्रेस ने उसका संबंध गोदिया से जोड़कर खुराफात की जो जांच में निराधार
पाई गई। कांग्रेस को मुंह की खाना पड़ी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने इस मामले में हर वक्त
और हर स्तर पर नेक नीयत का सबूत दिया है, की सराहना की गई है। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि कांग्रेस के शासनकाल में तो शिक्षकों
और अन्य पदों पर प्रवेश और भर्ती की प्रक्रिया की कही कोई व्यवस्था नहीं थी सब
अराजकता का षिकार थी। श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वे मूलरूप से भारतीय जनता
पार्टी के कार्यकर्ता है और उन्हें पार्टी और प्रदेश के हित में कांग्रेस के
द्वारा पैदा की जा रही भ्रांतियों को दूर करना कत्र्तव्य है। कांग्रेस द्वारा खड़ी
की जा रही झूठ की दीवार सच्चाई के सामने टिकरने वाली नहीं है।
उन्होंने
दृढ़तापूर्वक कहा कि श्री शिवराज सिंह चौहान ने समूची प्रक्रिया में निष्पक्षता का
प्रमाण दिया है। उनपर न तो कोई आरोप है और न उन्हें पद से इस्तीफा देने की कोई
आवष्यकता ही है। श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का लोकतंत्र
में अटूट विष्वास है। न्यायपालिका लोकतंत्र का स्तंभ है। यह तो दुर्भाग्य ही कहा
जायेगा कि कांग्रेस का न तो एसटीएफ, एसआईटी पर भरोसा है और न उसे न्यायपालिका के निर्णय की प्रतीक्षा करने का साहस
है। सवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा का पालन करना और सम्मान देना कांग्रेस की
परम्परा नहीं रही। यदि लोकतंत्र और न्यायपालिका में कांग्रेस को भरोसा होता तो उसे
विचार करना था कि जब सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश से सीबीआई ने जांच का सूत्र
संभालती है, तो कांग्रेस को
अलोकतांत्रिक ढंग से बंद का आयोजन करने की क्या आवष्यकता थी। कांग्रेस द्वारा
आयोजित बंद अप्रासंगिक ही नहीं अलोकतांत्रिक है।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अजय प्रताप सिंह, श्री विजेश लूनावत, प्रदेश प्रवक्ता श्री विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, विधायक विश्वास सारंग प्रदेश संवाद प्रमुख डॉ. हितेष
वाजपेयी, सह संवाद प्रमुख श्री
संजय गोविंद खोचे भी उपस्थित थे।
(सागर में पत्रकार
वार्ता)
कांग्रेस को
अकारण विरोध और आधारहीन दोषारोपण का खामियाजा भुगतना पड़ेगा - श्री नंदकुमारसिंह चौहान
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने आज
सागर में पत्रकार बंधुओं से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान
ने सबसे पहले व्यापम की अनियमितताओं का गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेकर जांच का आदेश
दिया था और कहा था कि प्रदेश के नौजवानों के साथ अन्याय करने वालों को सख्त सजा दी
जाए। इसी के फलस्वरूप इंदौर में जांच शुरू हुई। बाद में एसटीएफ का गठन किया गया।
कांग्रेस ने हमेशा जांच को पटरी से उतारने का प्रयास किया और हाईकोर्ट ले गए। जहां
श्री दिग्विजय सिंह को हताषा ही हाथ लगी। दिग्विजय सिंह की मंषा इंदौर के एक
मेडीकल काॅलेज जो अनियमितताओं का स्त्रोत था को जांच से बचाना था। उच्च न्यायालय
ने एसटीएफ का गठन किया। जांच सिलसिलेवार जारी हुई। 3 लाख भर्तियों में 2008 से लेकर 2013 तक 3 लाख भर्तियां की गयी।
जिनमें जहां भी अनियमितताएं पायी गयी कार्यवाही आरंभ हुई।
उन्होंने कहा कि
कांग्रेस के समय में तो षिक्षाकर्मियों और अन्य पदों की भर्तियों में नीलामी होती
थी। उन्होंने कभी जांच आदेष करने का साहस नहीं दिखाया। श्री षिवराजसिंह चैहान ने
हर स्तर पर नेक नियत का परिचय दिया है और व्यापम की अनियमितताओं की जांच सुप्रीम
कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंपे जाने का श्रेय भी श्री षिवराजसिंह चैहान को हासिल
है। ऐसे में कांग्रेस यदि मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने के लिए दुष्प्रचार करती
है तो वह सामाजिक द्रोह और अपराध है। प्रदेष की जनता इसे माफ नहीं करेगी। उन्होंने
कांग्रेस द्वारा आयोजित बंद को तर्कहीन अप्रासंगिक और अनुचित बताया और कहा कि इससे
लगता है कि कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करने की आदत बना ली है।
श्री
नंदकुमारसिंह चैहान ने कहा कि व्यापम की जांच में अवरोध उत्पन्न करने के लिए श्री
दिग्विजय सिंह ने अनुचित व्यूह रचना की जिसके फलस्वरूप उन्हें हाईकोर्ट से लेकर
सुप्रीम कोर्ट तक हताषा हाथ लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच आदेषित कर दी है,
इसलिए अब बंद जैसे आयोजन कांग्रेस की
अलोकतांत्रिक मानसिकता का सबूत देते है। उन्होंने कहा कि श्री दिग्विजय सिंह ने कथित
प्रषांत पाण्डे को बिल्सिल ब्लोअर के रूप में पेष किया और दावा किया कि उनके पास
मूल दस्तावेज है, लेकिन न्यायालय
में जांच में उन्हें सही नहीं पाया, खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न्यायालय और संवैधानिक संस्थाओं का
जिस तरह अपमान कर रही है वह लोकतंत्र के लिए दुखद है।
(सागर में संपर्क महाअभियान बैठक)
बूथ संरचना को
जीवंत बनाने के लिए महासंपर्क अभियान एक वरदान- श्री नंदकुमारसिंह चौहान
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा
कि बूथ संरचना को जीवंत बनाने के लिए संपर्क महाअभियान को प्रभावी बनाए, जिससे 5 वर्ष तक हम निरंतर अपने सदस्य कार्यकर्ताओं के संपर्क में बने रहकर संगठन का
विस्तार कर सके। सागर में आयोजित संपर्क महाअभियान की बैठक को संबोधित करते हुए
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि सदस्यता महाअभियान में हमें जो सदस्यों का डाटा
सुलभ हुआ है वह हमारी स्थायी संपत्ति होगी और इससे पंचायत से लेकर लोकसभा तक चुनाव
में उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले 4 वर्षो तक संगठन के लिए शांतिकाल है। चुनाव राजनैतिक दल के
लिए युद्धकाल जैसा होता है, इसलिए हमें
शांतिकाल में अपने राजनैतिक कौशल और संपर्क को सघन बनाना है। उन्होंने कहा कि मिस
काल से सदस्य बनाना आसान है लेकिन संपर्क अभियान के दौरान हमें सदस्यों का पूरा
ब्यौरा तैयार करने और मिस काल करके सदस्यता की पुष्टि करने में परिश्रम करना
पडेगा। यह परिश्रम हमें राजनैतिक जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा।
उन्होंने सदस्यता महाअभियान के महत्व को परिभाषित करते हुए कहा कि यह हमारे
राजनैतिक जीवन के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि हम अपने मतदान केन्द्र की परिधि में रहने वाले सदस्य कार्यकर्ताओं से
मुखातिब हो रहे है। उनके सुख दुःख की चर्चा करते है इससे उनमें एकात्मियता का भाव
जाग्रत होता है और वे एक दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल के सदस्य होने का गौरव
प्राप्त करते है। भारतीय जनता पार्टी ही देष में एकमात्र ऐसा राजनैतिक दल है जिसने
दलीय लोकतंत्र को सजीव रखा है। देष में 1600 राजनैतिक दल है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के अलावा किसी भी
दल में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। यही कारण है कि वे दल स्थायित्व प्राप्त नहीं कर
पाए। सभी दल बार बार टुकड़ो में बंटे और आज बिखर चुके है, लेकिन भारतीय जनसंघ से लेकर आज भारतीय जनता पार्टी तक कभी
हमारे दल में न तो दरार पडी और न विभाजन हुआ। इसका सबसे बड़ा कारण दलीय लोकतंत्र
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, राष्ट्रीयता का
पुट और दल में अभ्यास वर्ग और प्रशिक्षण की निरंतरता है।
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि संपर्क अभियान के समापन के साथ ही पार्टी
सक्रिय कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए वर्ग आयोजित करेगी। देश में 15 लाख और मध्यप्रदेश में सवा लाख कार्यकर्ताओं
के लिए प्रशिक्षण वर्ग लगाए जायेंगे। जहां संस्कार अनुशासन और राष्ट्रभक्ति में
कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह
किया कि वह संपर्क महाअभियान को एक चुनौती और महान अवसर के रूप में स्वीकार करें
और संपर्क महाअभियान में जीवनदानी कार्यकर्ता की तरह शिद्दत के साथ जुट जाए।
संभाग स्तर पर
पत्रकार वार्ता संपन्न
आज प्रदेश भर में संभाग स्तर पर आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पत्रकार वार्ता
को संबोधित किया। ग्वालियर में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद श्री प्रभात
झा, उज्जैन में पार्टी के
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू, इंदौर में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर,
जबलपुर में वरिष्ठ नेता श्री विक्रम वर्मा,
रीवा में प्रदेश सरकार के मंत्री श्री
राजेन्द्र शुक्ला ने पत्रकार बंधुओं से चर्चा की।
ग्वालियर में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद श्री प्रभात झा ने
पत्रकार बंधुओं से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान
द्वारा व्यापमं मामले में सीबीआई जांच का प्रस्ताव किए जाने की साहसिक और प्रशंसनीय
कदम है। व्यापमं मामले की जांच बैठाने की पहल भी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान
ने की थी जिसके फलस्वरूप व्यापमं मामले की धांधलियों का सच सामने आना शुरू हुआ था।
लोकतांत्रिक भावना का आदर करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने पारदर्शिता
और लोकहित में बिना वक्त गंवाए सीबीआई जांच की न्यायालय से प्रार्थना करके
कांग्रेस सहित विपक्ष की तमाम शंकाओं कुशंकाओं को समाप्त ही नहीं किया कांग्रेस को
निरूत्तर कर दिया है। मध्यप्रदेश में जिस तरह पिछले दस वर्षो में विकास का ताना
बाना बुना गया और लोक सेवा गारंटी योजना ने जनअपेक्षाओं को पूर्ण किया मध्यप्रदेष
सरकार जनआकांक्षाओं पर खरी उतरी है। प्रशासन में पारदर्शिता सुनिष्चित हुई है।
उज्जैन में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू ने कहा कि प्रदेश
में नौजवानों को शैक्षणिक परीक्षाओं में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती में
कांग्रेस के कार्यकाल में जो अराजकता थी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने
प्रदेश में एक शुचितापूर्ण प्रवेश पद्धति आरंभ की। पहले तो भर्ती में नीलामी चलती
थी। उन्होंने कहा कि श्री शिवराजसिंह चौहान ने जो सिस्टम आरंभ किया उसमें पांच
वर्षो में 7 नाख नौजवानों को अवसर
मिला और अनियमितता का प्रतिषत 0.001 प्रतिषत के करीब
आया जिसकी आनन फानन में श्री शिवराजसिंह चौहान ने संज्ञान लेकर जांच आरंभ करायी।
उनके इन प्रयासों पर हमें गर्व करना चाहिए कि उन्होंने युवा पीढी के साथ बेइन्साफी
करने वालों न बख्सने के आदेश दिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के प्रयासों की सराहना करते हुए
कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए है और जांच आरंभ कर दी गयी है।
इसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। ऐसे में मध्यप्रदेश को बदनाम करने और जनता का
ध्यान विकास से हटाने के लिए जिस तरह कांग्रेस बंद का अभियान कर रही है उसका कोई
औचित्य नहीं है। यह सरकार के विकास के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करना है। उन्होंने
कहा कि जांच आदेषिक करके श्री शिवराजसिंह चौहान ने नेक नीयत का सबूत दिया है।
कांग्रेस उनका चरित्रहनन का षडयंत्र करके संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित कर रही है
जिसे जनता बर्दाष्त नहीं करेगी।
इंदौर में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने
कहा कि व्यापम को घोटाला के रूप से कांग्रेस जनता में भ्रम पैदा कर रही है। इस
मामले में कांग्रेस मौतों को लेकर लाशो पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कांग्रेस
के दुष्प्रचार का भंडाफोड करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सागर में एक महिला एसआई की
मौत को भी इसी में जोड़ने की कोशिष की है लेकिन महिला के माता पिता ने ही बताया है
कि यह मौत पारिवारिक दहेज का मामला रहा है। कांग्रेस के पास अपना वजूद बनाए रखने
के लिए चरित्र हनन की राजनीति के कोई अवसर शेष नहीं बचा है। कांग्रेस के पास न कोई
राजनैतिक दृष्टि है न विकास की कोई रूपरेखा है, इसलिए भाजपा के विरूद्ध दुष्प्रचार को हथियार मान बैठी है।
कांग्रेस को सत्ता में बने रहने की आदत है जिस तरह बिन पानी के मछली तड़पती है ठीक
उसी तरह कांग्रेस नेता सत्ता हासिल करने के लिए तड़प रहे है। कांग्रेसी जानते है
कि जब तक जननायक मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को बदनाम नही करते तब तक उनके
मंसुबे पुरे नही होने वाले। कांग्रेस तो पिछले 10 साल से इस्तीफा मांग रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान
उनकी आंखों में खटकते है। श्री दिग्विजय सिंह के राज में मध्यप्रदेश तबाह और बर्बाद
हो गया था। भारतीय जनता पार्टी और केन्द्रिय नेतृत्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान
के साथ मजबूती के साथ खड़ा है। शीघ्र ही सच सामने आ जायेगा और दूध का दूध और पानी
का पानी हो जायेगा।
जबलपुर में वरिष्ठ नेता श्री विक्रम वर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश के
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को ही व्यापम की प्रारंभिक जांच आदेषित करने का
श्रेय हासिल है और उन्होंने जनभावना का समादर करते हुए सीबीआई जांच की भी उच्च
न्यायालय से अनुशंसा करके अभिनंदनीय कार्य किया है। भारतीय जनता पार्टी देश की
न्याय व्यवस्था में आस्था रखती है। जिस तरह कांग्रेस न्याय व्यवस्था पर अंगुली उठा
रही है। वह कांग्रेस की अप संस्कृति का प्रतीक है। कांग्रेस ने देश में सीबीआई की
भी विश्वसनियता समाप्त कर दी थी।
श्री शिवराजसिंह चौहान सरकार ने व्यापम भंडाफोड करके वास्तविकता पता लगाने का
बीड़ा उठाया और जांच बैठाई थी। सीबीआई जांच के बाद कांग्रेस के मुहं हमेशा के लिए
बंद हो जायेंगे। व्यापम का अस्तित्व मध्यप्रदेश में पहले से था और वहां चल रही
कारगुजारियो का संज्ञान 2012 में मुख्यमंत्री
श्री शिवराजसिंह चौहान ने ऐसे समय लिया जब इंदौर के पुलिस अधिकारी ने उन्हें
जानकारी दी कि कुछ मुन्ना भाई मेडीकल की परीक्षा में बैठकर सही छात्रों के साथ
अन्याय कर रहे है। मुख्यमंत्री ने तत्काल जांच का आदेश दिया और कहा कि छात्रों के
साथ बेइन्साफी बर्दाष्त नहीं की जायेगी।
रीवा में प्रदेश सरकार के मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के
राज में तो भर्तियां सिगरेट की पर्चियों पर लिख कर होती थी। पुराने राजा महाराजा
डरे हुए हैं कि एक सामान्य परिवार से आने वाला शख्स इतने दिनों से सीएम कैसे है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के रहते कांग्रेस की दाल नहीं गलने वाली है।
कांग्रेस के राज में शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई परीक्षा नहीं होती थी। भारतीय
जनता पार्टी सरकार ने भर्ती की पूरी प्रक्रिया को बदला और इसे पारदर्शी बनाया। इस
प्रकिया के तहत जिसने भी कोई गड़बड़ी की उनपर तत्काल कार्रवाई हुई। कांग्रेस का
आजादी के बाद भ्रष्टाचार और घोटालों का इतिहास रहा है। जनता ने कांग्रेस को प्रशासन
और राजनैतिक नैतिकता के आधार पर ही प्रदेश से खारिज किया है और मध्यप्रदेश
कांग्रेस मुक्त प्रदेश बन चुका है।
कांग्रेस का प्रदेश बंद का आयोजन ‘‘जनविरोधी और असंवैधानिक कदम है’’- श्री नंदकुमार सिंह चौहान
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने
कहा संवैधानिक शासन और व्यवस्था में हमें न्यायालय का सम्मान करना चाहिए। कांग्रेस
का प्रदेश बंद का आयोजन जनविरोधी, असंवैधानिक व
अनैतिक कदम है। 16 जुलाई 2015 को कांग्रेस के प्रस्तावित बंद को लेकर उच्च न्यायालय
की अवधारणा का कांग्रेस को सम्मान करते हुए बंद के फैसले पर अड़े रहना अनुचित है।
बंद और हड़ताल का औचित्य तो तब रहता है, जब इसके पीछे कोई लोकहित का आग्रह होता। कांग्रेस की मांग थी कि व्यापम मामले
की सीबीआई द्वारा जांच कराई जाये। प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने
जनभावना के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ सीबीआई जांच कराने का न्यायालय से आग्रह
किया और सीबीआई जांच के आदेश हो गये। साथ ही सीबीआई ने जांच का काम षिद्दत के साथ
आरंभ कर दिया है। अब बंद का औचित्य ही नहीं है। यदि इसके बाद भी बंद पर कांग्रेस
हठी रवैया अपनाती है तो यह लोकहित नहीं है। न्यायालय पर विष्वास है और न वह सीबीआई
जांच के प्रति गंभीर है।
उन्होंने कहा कि शांति प्रिय व्यापारियों ने प्रदेश में अपने प्रतिष्ठान 16 जुलाई को खुले रखने का निर्णय लेकर जनभावना की
कद्र किया है। यह भी एक संयोग है कि 17 जुलाई को ईद का पवित्र त्यौहार है। हमारे मुसलिम भाईयों को त्यौहार के मौके
पर बंद से दिक्कत हो सकती है। इस लिहाजा से भी व्यापारियों का बंद में शामिल न
होने का फैसला जनहित में स्वागत योग्य है।
श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि जो भी राजनैतिक पहल जनहित के प्रति संवेदनशील
नहीं होती उसमें न तो जनता सहयोग देती है और न लोकतंत्र की भावना के अनुरूप होती
है। कांग्रेस तो प्रदेश में सिमट चुकी है। कांग्रेसी और कार्यालय भी जनसंवेदना
शून्य हो चुका है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा बंद का आव्हान महज कांग्रेस का विरोध
करते हुए दिखने की राजनैतिक विफल कोशिष सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि सीबीआई स्वतंत्र, निष्पक्ष और सर्वोच्च जांच एजेंसी है। कांग्रेस बंद का आयोजन कर यदि प्रभावित
करने की मंशा करती है तो सफल नहीं होगी।
रमजान शिद्दत और
इबादत का पर्व है, सौहार्द्र और
सदभावना से मनाकर पर्व की गरिमा बढ़ाए- श्री नंदकुमारसिंह चौहान
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान और
प्रदेश संगठन महामंत्री श्री अरविन्द मेनन ने रमजान के पवित्र पर्व ईद उल फितर के
अवसर पर शुभकामनाएं अर्पित करते हुए सभी की बरकत और खुशहाली की कामना की है।
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि रमजान शिद्दत और इबादत का त्यौहार है। रोजा
रखकर संयमित जीवन, अपनी मेहनत की
कमाई में कमजोर लोगों की मदद, सेवा और इमदाद
करते है।
उन्होंने कहा कि इस मुबारक मौके पर हम गुनाहों से मशाफिरत करते है। गुनाहों से
तोबा करते है कौम और मुल्क की बरकत तथा अमन के लिए इबादत करते है। उन्होंने कहा कि
इस त्यौहार को सौहार्द्र, सदभावना और
विरादराना ताल्लुकातों से मानकर पर्व की गरिमा में चार चांद लगायेंगे।
विश्व जीडीपी में
भारत का योगदान सर्वाधिक होगा, 2022 तक 50 करोड युवकों का
कौशल विकास कर विश्व स्पर्धा के लिए तैयार किया जायेगा- श्री अरविन्द मेनन
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री श्री अरविन्द मेनन ने कहा कि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया मिशन की सफलता में युवा कौशल मिशन
के अंतर्गत देश में आरंभ कौशल विकास अभियान मील का पत्थर सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि देश में स्किल डेव्हलपमेंट और इन्टरप्रेन्टूरशिप मंत्रालय का
गठन करके प्रधानमंत्री ने बदलती दुनिया के परिप्रेक्ष्य में नई दिशा ओर अनूठी दृष्टि
प्रदान की है। इससे देश में 2022 तक 50 करोड़ युवकों को कौषल विकास के जरिए
प्रौद्योगिकी और तकनीक से जोड़कर विश्व स्पर्धा के लिए तैयार किया जायेगा।
श्री अरविन्द मेनन ने कहा कि स्किल डेव्लपमेंट का नतीजा यह होगा कि विश्व जीडीपी
में देश का योगदान 6 प्रतिशत से
बढ़कर 11 प्रतिशत हो जायेगा। श्री
अरविन्द मेनन ने कहा कि विश्व का भारत सबसे युवा राष्ट्र है जहां 65 करोड़ युवा है। इनके स्किल डेव्लपमेंट से भारत
दुनिया का सिरमौर बनेगा। 2025 तक जब विश्व
जीडीपी में भारत का योगदान सबसे अधिक होगा। अमेरिका जैसे सुपर पावर का विश्व जीडीपी
में योगदान सिमटकर 21 प्रतिशत से 18 प्रतिषत रह जायेगा। भारत विश्व का सबसे बडा
मेनुफैक्चरिंग हब बनेगा। इसके लिए भारत को विश्व स्पर्धा में खडा होने के लिए
स्किल डेव्लपमेंट का योगदान होगा।
तीन दिनों मे
प्रदेश के मालवा अंचल में झुग्गी-झोपड़ी बसाहटों में महासंपर्क अभियान
भारतीय जनता पार्टी के झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ ने मालवा अंचल की झुग्गी-झोपड़ी
बसाहटों में महासंपर्क अभियान में चौपाल बैठके और घर-घर जाकर सदस्यों का अभिनंदन
आरंभ किया।
झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री चेतन सिंह ने देवास की सघन
झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में टीम के साथ पहुंचकर संपर्क महाअभियान का नेतृत्व किया।
इन्दौर की 12 झुग्गी-झोपड़ी
बस्तियों में भी प्रपत्र भरकर मिस्ड काल के जरिये सदस्यता की पुष्टि कराई गई।
गुरूवार 16 जुलाई को उज्जैन और
नागदा में तथा 17 जुलाई को रतलाम
और जावरा की झुग्गी-झोपड़ी बसाहटों बस्तियों में महासंपर्क अभियान में संघर्ष किया
जायेगा।
मोहनी शाम्यवार
अनुसूचित जाति मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान और प्रदेश
संगठन महामंत्री श्री अरविंद मेनन की सहमति से अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश
अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश खटीक ने श्रीमती मोहनी शाम्यवार को मोर्चा का प्रदेश
उपाध्यक्ष मनोनीत किया है।
19 जुलाई को महिला
मोर्चा की सभी जिलों में एक साथ बैठकें होंगी
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की सभी जिला इकाईयों की 56 जिलों में 18 जुलाई को बैठके आयोजित की जायेंगी। मोर्चा की प्रदेश
अध्यक्षा श्रीमती लता वानखेड़े ने बताया कि जिला बैठक में जिला कार्यसमिति के
सदस्य, जिला महामंत्री जिले में
निवासरत जनप्रतिनिधि और प्रदेश पदाधिकारी भाग लेंगे।
श्रीमती लता
वानखेड़े ने बताया कि इन बैठकों में महिला मोर्चा पदाधिकारी महासंपर्क अभियान की
समीक्षा करेंगे। सक्रिय सदस्यों और अन्य सदस्यों के सत्यापन की समीक्षा करते हुए
कार्ययोजना पर विचार किया जायेगा।
सुधार का प्रणेता सवालों के कटघरे में क्यों?
- गोविंद मालू
व्यवस्था सुधारने की प्रक्रिया को क्या अव्यवस्था कहा जाए? सही
परिप्रेक्ष्य को कुतर्कों के आधार पर राजनीतिक रोटी सेंकने का हथियार बनाया
जाए, तो यह अपराध उससे भी बड़ा है! जिस अपराध के लिए दोषियों को दंडित कर,
व्यवस्था सुधारने का बीड़ा एक सरकार, एक राजनेता द्वारा उठाया गया है! ऐसे
में व्यवस्था सुधारने की जिद में यदि अपने ही अवरोध बनें, हों तो उन्हें भी
नहीं बख्शने व दोषी चाहे अपने ही दल के हों, उन्हें भी रियायत न देने की
इच्छाशक्ति बताई हो तो यह ईमानदार राजनेता शुचिता व पारदर्शिता के पक्षधर
राजनेता की निशानी है।
आजादी
के बाद व्यवस्था व तन्त्र में गिरावट इसलिए आई कि जो कानून-कायदे
और नैतिकता से काम करने वाले नौकरशाह थे, उन्हें राजनेताओं की जिद के आगे
समर्पण करना पड़ा! उन्हें राजनेताओं की अवैधानिक मंशा को पूरा करने का उपकरण
बनना पड़ा। जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें प्रताड़ित भी होना पड़ा!
स्थानांतरण के जरिए या झूठे प्रकरण बनाकर विभागीय कार्यवाही के जरिए! इसलिए
कमज़ोर मानसिकता, सुविधाजनक स्थिति में रहने वाले और भय से संघर्ष न करने
वाले नौकरशाहों ने समझौता करना उचित समझा! उन्हें लगा कि 'हमें क्या करना, भाड़ में जाए सुशासन।' यशी कारण है कि 'तुम भी कमाओ, हम भी कमाएं' का 'शासन-राजतंत्र' विकसित हुआ और साथ ही 'जो आज्ञा हुजूर' की परिपाठी विकसित हुई।
कमोबेश
राजनीतिक पार्टियों (खासकर कांग्रेस) में यही परंपरा विकसित हुई!
सर्वेसर्वा नेता को यह नागवार गुज़रा कि कहीं मेरे अधीनस्थ रहे मंत्री या
मुख्यमंत्री की छवि मुझसे उजली न हो जाए! ऐसे लोगों को हटाने और गिराने का
खेल चलता रहा और सारा तंत्र ही परतंत्र हो गया। व्यवस्था भी दुरावस्था की
मोहताज हो गई! लोकतंत्र में सशक्त चुनौती के अभाव में कांग्रेस में
अधिनायकता का वायरस फ़ैल गया। मुख्यमंत्रियों ने न केवल जय जयकार की, बल्कि
जूते चप्पल भी उठवा! क्योंकि, उन्हें डर था कि मैडम की पलकें गिरी तो हमें
भी औंधे मुंह गिरने से कोई रोक नहीं पाएगा। सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी
सुभाषचंद्र बोस, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, डॉ. राममनोहर लोहिया, डॉ. सर्वपल्ली
राधाकृष्णन के बाद लालबहादुर शास्त्री व मोरारजी भाई देसाई जैसे
खुद्दार राजनेताओं को जो झेलना पड़ा वह इतिहास बन गया! आत्मकथाओं में इन
कथानकों को उकेरा जरूर गया है! पास से देखने वालों ने इस पीड़ा को अपनी कलम
के जरिए दस्तावेजीकरण कर सबक भी आगे की पीढ़ी के लिए छोड़ दिए हैं। कांग्रेस
ने अपने प्रशिक्षण केन्द्रों व अभ्यास वर्गों में यही पाठ्यक्रम पढ़ा है।
राजनीति में दशकों तक विराट पूंजी, विराट रिश्वत के अवसर बने रहें!
कथित ईमानदारी के नाम पर भ्रष्टाचार की अविरल दुर्गन्ध धारा बहती रही! इस
दुर्गन्ध भरी धारा में कोई सुशासन की निर्मल गंगा न प्रवाहित कर दें, इस
बात का विशेष कॉडर तैयार किया गया! 'लूटों और खाओ, जो बोले उसे मार भगाओ' की समवेत
वंदना करते हुए कांग्रेसी राजनीतिक पाठशाला का श्री गणेश करते रहे। ये सोच
का विषय है कि नेहरु ने क्या किया, देश को और कांग्रेस को क्या दिया?
उन्होंने कैसी संस्कृति विकसित की, जो कांग्रेस आज भी उस परिवार से मुक्त
नहीं हो पाई? यही कारण है कि कांग्रेस से मुक्ति की छटपटाहट आज जनता के मन
में आ गई है। नेहरूवादी संस्कारों की यही परिणति कांग्रेस में आज तक है।
बाद में देश के जनमन को भी उन्होंने इसी सांचे में ढालने का काम किया!
80 के दशक तक तो सब कुछ ऐसे ही चलता रहा! लेकिन, वक़्त ने 1980 के उतरार्द्ध में करवट ली, 'सम्पूर्ण क्रांति' के
शंखनाद के साथ! पहले जयप्रकाश नारायण ने और उसके के बाद विश्वनाथप्रताप
सिंह ने भी उसी भ्रष्टाचार विरोधी व्यवस्था परिवर्तन के वाहक के रूप में
उभरे। कांग्रेस में होते हुए भी नरसिम्हाराव को भी व्यक्तिगत रूप से इसी
श्रेणी का मानता हूँ। लेकिन, जिस घर की पहरेदारी वे कर रहे थे, उस घर का
चौका-चूल्हा और परम्पराओं की विरासत की केमेस्ट्री वे नहीं बदल पाए!
कालांतर में मनमोहनसिंह भी मौनी बाबा के रूप में इसलिए ही कुख्यात हुए।
लेकिन, व्यवस्था बदलने के माद्दा उनके लिए कुर्सी का बोझ बन गया। उन्हें वह
सब करना पड़ा, जो नेहरुकालीन सन्दर्भ व परंपरा की रवायत थी।
यह वही कांग्रेस है जिसके रक्त में ऐसे कीटाणु हैं, जो अच्छे और सच्चे को
बर्दाश्त नहीं कर पाते! इसीलिए कांग्रेस को मुलायम सिंह, लालू यादव
ज्यादा रास आते हैं, नरेंद्र मोदी और शिवराजसिंह नहीं! यहाँ तक कि अटलजी भी
नहीं! उन्हें अपनों में से चंद्रशेखर, रामधन, पी.ए. संगम, कृष्णकान्त भी
रास नहीं आते! बाबू जगजीवनराम ने भी जब करवट ली तो उन्हें धक्का मारकर बाहर
कर दिया गया। यह कांग्रेस गरीबी, अशिक्षा, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार ये
मुद्दे कांग्रेस के घर के बाहर लगे बोर्ड पर शोभा पाते रहे! घर के कण-कण
में इसे निजात पाने के कोई औजार नहीं दिखा तो जो छोटे लड़ाके घर में थे,
उन्हें वनवास दे दिया या बोथरा बताकर अटाले वाले कमरे में डाल दिया गया!
कुछ को स्वतंत्रता सेनानी का झुनझुना पकड़ाकर रिटायर कर दिया गया!
ऐसी कांग्रेस को व्यवस्था परिवर्तन का कदम कभी रास नहीं आ सकता! अच्छे
प्रयत्नों को पराकाष्ठा तक ले जाने में अपनी आहुति देने के बजाए वही हथियार
उठा लिया कि आने वाला क्यों व्यवस्था परिवर्तन की जोखिम उठाए हवन करने में
हाथ क्यों जलाए! 'जब जागो, तभी सवेरा' उन्हें
रास नहीं आता! क्योंकि, ये तो काली रात के सौदागर हैं! अन्धकार के
उद्योगपति हैं, उजालों के प्रतिस्पर्धी हैं! भ्रष्टाचार के खिलाफ सफाई का
कोई चौघड़िया, नक्षत्र व दिन नहीं होता, जब से शुरू हो तब से पहला दिन होना
चाहिए!
शिक्षा
माफिया, नौकरी माफिया व करियर माफिया से निजात दिलाना क्या अपराध है?
शिवराज सिंह ने क्यों किया इस अभियान का श्री गणेश? यह जनता जान चुकी
है, तभी व्यापमं के व्यापक प्रचार के बाद कांग्रेस को उसकी असली जगह परिणाम
में बता दी! सुधारवादी
को अपराधी बनाने का कांग्रेस का षड्यंत्र जनता जान चुकी है। एक पीढ़ी की
गुणवत्ता को उसके करियर को बचाने का काम सरकार कर रही है! कांग्रेस उन
आरोपियों के खिलाफ आवाज़ उठाने व कदम की सराहना करने के बजाए अलिप्त,
परिश्रमी, प्रखर प्रतिभाशालियों को ही कटघरे में खड़ा करने की राजनीति कर रही है। व्यवस्था के सुधारवादियों की सराहना करने के बजाए उन्हें देश में बदनाम करके व्यवस्था को हमेशा के लिए विकलांग करने का प्रयास कर रही है! ये नव-विचारवादी इस दौर के अपराधी नहीं हैं! नया सोचने वाले इन बदलाव समर्थकों की पीढ़ी को बचाने की जरुरत है। इन्हें अपनी
राजनीति के लिए कटघरे में खड़ा मत कीजिए, इतिहास माफ़ नहीं करेगा! संवेदनशील
मुद्दों पर कुत्सित राजनीति की इज़ाज़त कभी कोई समाज नहीं देता, इतना याद
रखना!
(लेखक खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष हैं)
आॅल इंडिया कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन का राष्ट्रीय अधिवेशन
आॅल इंडिया कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन का
राष्ट्रीय अधिवेशन दिनांक 12/07/2015 को मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगर
ग्वालियर में होगा जिसमें देश के लगभग सभी प्रांतो के कैमिस्ट फेडरेशन के
मुख्य-मुख्य पदाधिकारी व आॅल इंडिया कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन
के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कैलाश गुप्ता, उपाध्यक्ष श्री संजय मल्होत्रा व
राष्ट्रीय महासचिव श्री जयदीप सरकार भारत भर से सम्मिलित होने वाले राज्य
स्तर के कैमिसट फैडरेशन के अध्यक्ष ,महासचिव व प्रतिनिधियों का नेत्रित्व
करेंगें ।
अधिवेशन में सिरकत करने ग्वालियर पहुंचे "मध्यप्रदेश कैमिस्ट फेडरेशन" के महासचिव श्री वीरेंद्र जैन ने बताया कि ऑल इंडिया कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन का महा अधिवेशन ग्वालियर में कराये जाने हेतू मध्यप्रदेश फेडरेशन की इकाई
"ग्वालियर कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन " के पदाधिकारी श्री विष्णु सिंघल , श्री गोपाल गुप्ता, श्री अजय गोयल , श्री सुमित अग्रवाल श्री कमल जैन एवं श्री संजय जैन आदि की कर्मठता व कार्यछमता से ही ग्वालियर का हर कैमिस्ट स्वयं को आज गौरांवित महसूस कर रहा है । क्योंकि इन्होंने ही कैमिस्टों के ज्वलंत विषयों पर ध्यानाकार्षित करा कर आॅल इंडिया बॉडी में मध्यप्रदेश में अधिवेशन हेतु पहल की और ग्वालियर को शीर्षस्थान दिलाया ।
इसमे मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों व ग्वालियर शहर के कैमिस्ट भी सम्मिलित होंगें व कैमिस्टो की जटिल समस्याओ पर राष्ट्रीय नेताओं के सुझाव व मार्गदर्शन प्राप्त कर जन-जन तक उसका लाभ पहुंचा कर मरीजो व आम जनता की सहायता करेंगें।
मंथन के मुख्य बिंदु होंगे :-
* मरीजो की सेवा में कैमिस्टों का पूर्ण योगदान ।
* ड्रग एक्ट के पालन में कैमिस्ट की नैतिक जिम्मेदारी
* कैमिस्ट साथियो की कट स्ट्रिप एक्सपायरी का पूर्ण समाधान
* एक्सपायरी के निराकरण में छ: माह की बाध्यता को समाप्त कर कम्पनियों से पूरा क्लेम दिलवाने का प्रयास ।
* दवाओं की उपलब्धता की गारंटी का अधिकार ।
* Narcotics Drug , Schedule-X
Schedule-H, Schedule-H1 की फैली भ्रांतियो पर सरल मार्ग दर्शन ।
आदि प्रमुख विषयों पर चर्चा कर स्थाई समाधान निकालने का प्रयास किया जायेगा।
अधिवेशन में सिरकत करने ग्वालियर पहुंचे "मध्यप्रदेश कैमिस्ट फेडरेशन" के महासचिव श्री वीरेंद्र जैन ने बताया कि ऑल इंडिया कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन का महा अधिवेशन ग्वालियर में कराये जाने हेतू मध्यप्रदेश फेडरेशन की इकाई
"ग्वालियर कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन " के पदाधिकारी श्री विष्णु सिंघल , श्री गोपाल गुप्ता, श्री अजय गोयल , श्री सुमित अग्रवाल श्री कमल जैन एवं श्री संजय जैन आदि की कर्मठता व कार्यछमता से ही ग्वालियर का हर कैमिस्ट स्वयं को आज गौरांवित महसूस कर रहा है । क्योंकि इन्होंने ही कैमिस्टों के ज्वलंत विषयों पर ध्यानाकार्षित करा कर आॅल इंडिया बॉडी में मध्यप्रदेश में अधिवेशन हेतु पहल की और ग्वालियर को शीर्षस्थान दिलाया ।
इसमे मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों व ग्वालियर शहर के कैमिस्ट भी सम्मिलित होंगें व कैमिस्टो की जटिल समस्याओ पर राष्ट्रीय नेताओं के सुझाव व मार्गदर्शन प्राप्त कर जन-जन तक उसका लाभ पहुंचा कर मरीजो व आम जनता की सहायता करेंगें।
मंथन के मुख्य बिंदु होंगे :-
* मरीजो की सेवा में कैमिस्टों का पूर्ण योगदान ।
* ड्रग एक्ट के पालन में कैमिस्ट की नैतिक जिम्मेदारी
* कैमिस्ट साथियो की कट स्ट्रिप एक्सपायरी का पूर्ण समाधान
* एक्सपायरी के निराकरण में छ: माह की बाध्यता को समाप्त कर कम्पनियों से पूरा क्लेम दिलवाने का प्रयास ।
* दवाओं की उपलब्धता की गारंटी का अधिकार ।
* Narcotics Drug , Schedule-X
Schedule-H, Schedule-H1 की फैली भ्रांतियो पर सरल मार्ग दर्शन ।
आदि प्रमुख विषयों पर चर्चा कर स्थाई समाधान निकालने का प्रयास किया जायेगा।
Regards :
Virendra Jain
मध्यप्रदेश कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन
9893356009
Virendra Jain
मध्यप्रदेश कैमिस्ट एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन
9893356009
पार्टी का विस्तार, कार्यकर्ताओं का संस्कार अमित शाह की प्रतिबद्धता
- भरतचन्द्र नायक
राजनीति में लगातार कदम आगे बढ़ाते जाना हर व्यक्ति का नसीब नहीं होता, जीत और हार उसका पीछा करती है, लेकिन ऐसे बिरले व्यक्ति होते है, जय और विजय जिनकी गोदी में अठखेलियां करती है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 1989 से 2014 के बीच 25 वर्षों में 42 चुनावों का सामना किया और हर चुनाव में जय का वरण किया। इस तरह कहें तो अमित शाह का जय-विजय से अटूट रिष्ता है। यह भी सौभाग्य की बात है कि अमित शाह के एक ही पुत्र रत्न है और उसका नाम करण भी जय शाह किया गया है, इसलिए कहा जाता है कि जय विजय अमित शाह की गोदी में अठखेलियां करती है, लेकिन यह भी एक यथार्थ है कि अमित शाह ने अपने राजनैतिक जीवन में भले ही यष और विजय पायी हो, लेकिन दुर्भाग्य ने भी इनका पीछा नहीं छोड़ा। यह अलग बात है कि अमित शाह की हर मुसीबत और कठिनाई ने इनके हौंसले को फौलाद में बदला और अंतिम विजय इनकी हुई। आपदाएं या तो पराजित हुई अथवा इनका साथ छोड़ गयी और इन्होने अपने जीवन में चुनाव लड़ने में ऐसी महारात हासिल की है कि विरोधी परास्त हुए और विजय का रिकार्ड अमित शाह के साथ दर्ज हुआ। उत्तर प्रदेश जैसे कठिन राज्य में जहां भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में कभी 10 से अधिक सीटों पर विजय नहीं मिली 2014 में 80 में से 71 सीटों पर कमल खिला, जिससे केन्द्र में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने दम-खम पर बहुमत हासिल किया, सरकार बनाई। अमित शाह चुनाव के षिल्पकार करार दिये गये। यह भी इनका सौभाग्य रहा कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी और अटलबिहारी वाजपेयी के लोकसभा चुनाव में गुजरात में रणनीति तय करनें और विजय दिलाने का श्रेय अमित शाह को ही मिला। इसमें नरेन्द्र मोदी की व्यूहरचना काम आयी, क्योंकि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने चुनावी रणनीति में ताना-बाना बुनने में परस्पर सहयोगी की भूमिका 1982 में महाविद्यालयीन राजनीति से आरंभ हो चुकी थी।
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 में तत्कालीन महाराष्ट्र प्रदेष के मुंबई में एक संपन्न परिवार में हुआ। मेहसाणा में पढ़ाई की और बायो-केमिस्ट्री में अध्ययन हेतु महाविद्यालयीन पढ़ाई अहमदाबाद (गुजरात) में की। अपने पिता के प्लास्टिक पाईप के कारोबार में पहले पहल इन्होनें रूचि ली। लेकिन राजनीति का जो रूझान कॉलेज में पैदा हुआ था, उसने इन्हें राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय बना दिया। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के स्वंयसेवक के रूप में काम करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गये। नरेन्द्र मोदी का 1982 में कॉलेज के दौर में जिस तरह सानिध्य प्राप्त हुआ, विद्यार्थी परिषद में इनका कद और भी ऊंचा हो गया। भारतीय जनता पार्टी में 1986 में प्रवेष किया तब इन्हें 1987 में युवा मोर्चा की जिम्मेदारी मिल गयी। आपने 1991 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी के चुनाव का दायित्व कुषलतापूर्वक संभाला। इसके बाद 1996 में जब अटलबिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ा, अमित शाह उनके प्रचार अभियान के प्रभारी बनाये गये। राजनीति में अमित शाह ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और खुद गुजरात विधानसभा उप चुनाव सरखेज से अपना भाग्य आजमाया। सफलता प्राप्त कर विधायक बन गये, बाद में सहकारिता के क्षेत्र में भी पदार्पण कर 1999 में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष चुने गये। क्रिकेट संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष बने और जब नरेन्द्र मोदी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, इन्हें क्रिकेट एसोसिऐषन के अध्यक्ष पद का गौरव प्राप्त हुआ।
अमित शाह ने सरखेज उपचुनाव से जो विजय यात्रा आंरभ की अनवरत् 1998, 2002 ओर 2007 में उसी क्षेत्र से विजय हासिल की सरखेज की जनता ने सर माथे पर बैठाया। तथा 2012 में नरनपुरा विधानसभा क्षेत्र से भी विधायक चुने गये। 2003 से 2012 तक आपने गुजरात में गृह मंत्रालय संभाला और प्रदेश में कानून व्यवस्था को इस तरह संभाला कि हर वर्ष परंपरागत ढंग से होने वाले फसाद की दुखद यादे आम आदमी के मानस पटल से तिरोहित हो गयी। आम आदमी को जगन्नाथ यात्रा, होली, दिवाली, ईद, रमजान के पर्वो में गंगा जमुनी संस्कृति की अनुमति होने लगी। पर्वो को गरिमा प्रदान की। गेंहू के साथ घुन भी पिस जाता है, यह कहावत राजनीति में अक्षरशः चरितार्थ होती है और अमित शाह भी अपवाद नहीं रहे। ध्येय निष्ठा और कड़े अनुषासन प्रियता के कारण गुजरात के तत्कालीन मुुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तथाकथित धर्म निरपेक्षतावादी लाबी का शिकार बने।
अमित शाह को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। 2004 में हुई मुठभेड़ में इशरत जहां, जीशान जोहर, अमजद अली राणा के साथ प्राणेष मारे गये थे। इन्हंे अवांछित तत्व माना जाता था, तब इस मुठभेड़ का असल प्रयोजन इस गिरोह पर नरेन्द्र मोदी की हत्या का षड़यंत्र रचने और क्रियान्वित करनें की मंषा से आना बताया गया था, जो सत्य के निकट था। जब इस मामलें को फर्जी बताकर जांच प्रायोजित कराई तब किन्ही तत्वों ने इस मुठभेड़ पर सवालिया निषान लगाया और अमित शाह को भी सह अभियुक्त बनाये जाने की अपील कर दी। आतंकवाद को लेकर दोहरे मापदड पर ही धर्म निरपेक्षता टिक कर रह गयी है, लेकिन झूठ के पांव नहीं होते, वह जल्दी लड़खड़ा जाता है। झूठ पराजित हुआ, अमित शाह को 15 मई 2014 को सीबीआई की विशेष अदालत ने ससम्मान बरी कर दिया। लेकिन सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ कांड में इन्हें पुलिस के ही एक वरिष्ठ अधिकारी के आरोप का षिकार बनना पड़ा। 22 जुलाई 2010 को अमित शाह को गिरफ्तारी का सामना भी करना पड़ा। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कदाचित यह एक अजीब संयोग है कि 2002 से 2012 तक नरेन्द्र तोदी को धर्म निरपेक्षता के अलंबरदारों ने कभी नहीं बख्शा और हर मौके का इंतजार ही नहीं किया अपितु राजनैतिक मिसाईलों के जरिये उनकी छवि को धूमिल करनें में कसर नहीं छोड़ी, जिससे नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को मीडिया ट्रायल से भी रूबरू होना पड़ा। लेकिन इस युति ने गोस्वामी तुलसीदास की इस पंक्ति को एक युग तक जीकर बता दिया जो आज दुर्लभ है।
‘‘धीरज, धर्म, मित्र अरू नारी.....आपतकाल परखिये चारी‘
मीडिया ट्रायल पर इनकी खामोषी को भले ही कमजोरी माना गया, लेकिन वह इनकी अदृष्य शक्ति थी जिसने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को अपने ध्येय में अडिग बने रहने की शक्ति प्रदान की। सत्य कभी पराजित नहीं होता यही नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का विश्वास है, जीत सत्य की होती है। यह भी प्रमाणित हो गया। देश के राजनेताओं में कदाचित यह धैर्य और साहस आज दुर्लभ हो चुका है। अमित शाह और नरेन्द्र मोदी का धैर्य और साहस वास्तव में अभिनंदनीय है। उनकी इसी अदृश्य शक्ति ने उन्हें शीर्ष तक पहंुचाया और इकबाल बुलंद किया। विश्व में छवि नरेन्द्र मोदी के शब्द का आकर्षण है तो उसके पीछे यही शक्ति है।
अनहोनी को होनी बनाना अमित शाह का शगल
26 मई 2014 को लोकसभा चुनाव में विजय के बाद नरेन्द्र मोदी ने देष में पहले भारतीय जनता पार्टी मंत्रिमंडल का गठन कर गौरव प्राप्त किया। तब राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गृहमंत्री मनोनीत कर दिये गये और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए योग्य व्यक्ति की तलाष शुरू होते ही अमित शाह का नाम सुर्खियों में आया। लेकिन एक ही राज्य से प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सहन किये जाने पर प्रष्न उठाये जाने लगे। अंत में नरेन्द्र मोदी के विष्वस्त और शाह की संगठनपुटता की जीत हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष का सेहरा अमित शाह के सिर पर बांध दिया गया। उत्तर प्रदेश में पार्टी की ऐतिहासिक विजय ने इसके विरोध के सारे तर्कों को वेअसर कर दिया। अमित शाह ने पार्टी का सदस्यता महाअभियान जिस शिद्दत के साथ आरंभ किया और 10 करोड़ सदस्य बनाये जाने का लक्ष्य रखा, उनके लौह संकल्प ने देश की सभी 30 राज्य इकाईयों को सक्रिय बना दिया। भारतीय जनता पार्टी विष्व की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और सदस्यता का सिलसिला 10 करोड़ से आगे बढ़कर 12 करोड़ तक पहुंच रहा है, इसके थमने का क्रम पता नहीं है। मिस्ड कॉल की काफी हंसी उड़ायी गयी। लेकिन जब सदस्यता महाअभियान के अगले चरण में महासंपर्क अभियान आरंभ हुआ, कार्यकर्ताओं को नवागत सदस्यों से संवाद करनें का जो अवसर मिला कार्यकर्ताओं की क्षमता में निखार ही नही आया, बल्कि उनकी स्वीकार्यता के विस्तार में भी पंख लग गये है। भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता संपर्क महाअभियान के समापन के बाद प्रशिक्षण की तत्परता से प्रतीक्षाकर रहे है। 15 लाख कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण वास्तव में विश्व की राजनीति में एक अनूठा अनुष्ठान और अनुभव बनने जा रहा है। पार्टी का हर सदस्य कार्यकर्ता के संस्कारों से चिपककर भारत की नागरिकता को विश्व में सर्वोच्च साबित करने में सक्षम होगा।
योग एक परिसंवाद
जब विदेशी लोगो नें योग को योगा बनाकर हमारे सामने प्रस्तुत किया तो हमने योग को स्वीकार लियारू - अलोक संजर
यदि शांत चेतना में कोई विचार आता है तो व्यक्ति सकारात्मक उर्जा से परिपूर्ण हो जाता है - मुकेश नायक
भारतीय छात्र संसद मध्यप्रदेश इकाई के द्वारा पंडित कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ में आज 15 जुलाई 2015 को 10 बजे से 1 बजे तक ष्योग एक परिसंवादष् कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समस्त वक्तागणों ने योग विषय पर परिचर्चा की । कार्यक्रम में भोपाल के सांसद आलोक संजरए कांग्रेस विधायक मुकेश नायकए गायत्री शक्ति पीठ भोपाल के व्यवस्थापक डीएन शर्माएअटलबिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय से श्रीमति आर लता एकार्यक्रम में उपस्थित शोध निरन्तर के संस्थापक संजीव वर्माए वही उदिप एनजीओ की संस्थापक पूनम श्रोतीए पण्डित कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ के उपसंचालक बृजराजेश्वर शर्माएभारतीय छात्र संसद मध्यप्रदेश के छात्र समन्वयक आशीष नामदेव एवं विधार्थीगण उपस्थित रहें ।
कार्यक्रम में उपस्थित भोपाल के सांसद आलोक संजर नें कहां कि. योग हमारे समाज के लिए भी हितकर हैण्उन्होनें अन्तराष्ट्रीय योग दिवस को भी सराहा और भारतीय छात्र संसद के प्रयास की सराहना कीण् श्री संजर ने बताया कि योग हमारी धरोहर है लेकिन हमारे लोगो ने इसे स्वीकार नहीं कियाण् जब विदेशी लोगो नें योग को योगा बनाकर हमारे सामने प्रस्तुत किया तो हमने योग को स्वीकार लिया ।
वही पवैई जिला पन्ना से कांग्रेस विधायक मुकेश नायक नें महर्षि पतंजलि के आष्टांग योग पर विस्तार से चर्चा कीण् उन्होनें मन को शांत रखने के लिए योग करने की सलाह दीण्श्री नायक ने बताया कि अगर अशांत चेतना में विचार का आगमन होता है तो व्यक्ति चूर.चूर हो जाता हैण् और यदि शांत चेतना में कोई विचार आता है तो व्यक्ति सकारात्मक उर्जा से परिपूर्ण हो जाता हैण्
इसके साथ ही गायत्री शक्ति पीठ भोपाल के व्यवस्थापक डीएन शर्मा ने आधुनिक शिक्षा पध्दति पर प्रश्नचिन्हित करते हुए कहा कि दृ वर्तमान शिक्षा प्रणाली ने विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है इसके लिए भारतीय शिक्षा पध्दति का विस्तार होनी चाहिएण् संवाद को आगे बढ़ाते हुए उन्होने बताया कियुवाओ को योग के सिध्दान्तों से परिचित कराने की आवश्यकता हैण्श्री शर्मा ने शारीरिकए मानसिकए सामाजिक विकास में योग का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है ।
अटलबिहारीवाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय से श्रीमति आर लता ने कहा कि सिर्फ दैनिक अभ्यास ही योग नहीं है बल्कि योग एक बहुत बृहद विषय है । उन्होनें कहा कि आज के युवाओ का रुझान दिनोदिन योग की तरफ बड़ता जा रहा हैण् हम कितनें भी आधुनिक हो जाए लेकिन हमे अंदर से यौगिक होना जरुरी है ।
वही उदिप एनजीओ की संस्थापक पूनम श्रोती नें भारतीय छात्र संसद केकार्यक्रम की काफी प्रशंसा कीण् सुश्री श्रोती ने बताया कि जिस तरह से किसी विभाग का प्रबंधक अच्छी तरह से प्रबंधन करता है उसी तरह शरीर के लिए योग एक प्रबंधक जैसे कार्य करता है ।
कार्यक्रम में उपस्थित शोध निरन्तर के संस्थापक संजीव वर्मा नें कहा दृ जब व्यक्ति ज्ञान और अज्ञान से परे हो जाता हैए तभी वह योग की वास्तविक स्थिति की प्राप्ति करता हैण् उन्होने योग की प्राप्ति के दो मार्ग बताए पहला निवृत्त और दूसरा प्रवृत्त हैण् श्री वर्मा ने कहा कि दृश्रीकृष्ण ही योगेश्वर और रसेश्वर हैण्कृष्ण ने गीता में योगी का अद्भुत विशेषण दिया गया है असंकल्पित योगी ।
वही पण्डित कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ के उपसंचालक बृजराजेश्वर शर्मा नें कहा कि दृ किसी चीज से सहजता से जुड़ना ही योग है ।
कार्यक्रम के अंत में भारतीय छात्र संसद मध्यप्रदेश के छात्र समन्वयक आशीष नामदेव ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि युवाओ को योग के लिए जागरुक होने की जरुरत है कार्यक्रम का संचालन आकांक्षा ठाकुर ने किया ।
आशीष नामदेव
मध्यप्रदेश समन्वयक
भारतीय छात्र संसद
संपर्क सूत्र.8517838770 , 9302404770
ई मेल aashi1414@gmail.com.
Subscribe to:
Posts (Atom)